सोमवार, 23 जनवरी 2017

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव

'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय पुराण है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख ग्रन्थ है।यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं। 'श्रीमद्भागवत पुराण' श्रीकृष्ण चरित्र विस्तारपूर्वक है। दशम स्कंध में श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर अक्रूर जी के हस्तिनापुर जाने तक की कथा है। यह स्कंध पूरी तरह से श्रीकृष्ण लीला से भरपूर है। जरासंध से युद्ध, द्वारकापुरी का निर्माण, रुक्मिणी हरण, श्रीकृष्ण का गृहस्थ धर्म, शिशुपाल वध, श्रीकृष्ण का जन्म, कृष्ण की बाल लीलाएं, गोपालन, कंस वध, अक्रूर जी की हस्तिनापुर यात्रा, जरासंध से युद्ध, द्वारका पलायन, द्वारका नगरी का निर्माण, रुक्मिणी से विवाह, प्रद्युम्न का जन्म, शम्बासुर वध, स्यमंतक मणि की कथा, जांबवती और सत्यभामा से कृष्ण का विवाह, उषा-अनिरुद्ध का प्रेम प्रसंग, बाणासुर के साथ युद्ध तथा राजा नृग की कथा आदि के प्रसंग आते हैं। तो आइये आप भी आनन्द ले, खरगोन के सौमित्र नगर में आयोजित भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव (नंद उत्सव ) का .

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