हिंदू धर्म में विवाहको सोलह संस्कारों में से एक संस्कार माना गया है।पाणिग्रहण संस्कार को सामान्य रूप से हिंदूविवाह के नाम से जाना जाता है। हिंदूविवाहमें पति और पत्नी के बीच जन्म-जन्मांतरों का सम्बंध होता है जिसे कि किसी भी परिस्थिति में नहीं तोड़ा जा सकता। हिंदूविवाहमें वर और वधु अग्नि के सात फेरे ले कर पवित्र बंधन में बंध जाते हैं।हिंदू मान्यताओं के अनुसार मानव जीवन को चार आश्रमों ब्रम्हचर्य , गृहस्थ, सन्यास तथा वानप्रस्थ आश्रम में विभक्त किया गया है और गृहस्थ आश्रम के लिये पाणिग्रहण संस्कार अर्थात्विवाह नितांत आवश्यक है। तो आईये देखते है हिन्दू विवाह के रीति रिवाज औरसम्पूर्णवैवाहिक रश्मो का हाई लाईट
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